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S**H
हिंदी साहित्य में एक नई धारा की नींव डालता है यह उपन्यास।
भाषा और कथानक के स्तर पर उपन्यास लेखन की पारंपरिक शैली से आगे जाकर एक नई परिपाटी की नींव डालता है यह उपन्यास। समय काल के अनुसार सिनेमा और हर कला में बदलाव आया है। साहित्य में कविता में बदलाव आया है, यह उपन्यास लेखन में एक नई दृष्टि का सूत्रपात करता है।
A**R
The flow the mystery of words
Loved the way writer describe the journey of writing or prediction,human emotions their fear and love
A**A
हिन्दी उपन्यास में एक नई विधा
यह किताब अपने आप में ठहराव माँगती है।मैंने जब ५-६ पेज पढ़े तो मेरे सर के ऊपर से निकली तो मैंने वापस मेरी पूरी ज्ञानेंद्रिया इस किताब में लगा दी तो लगा जैसे में कोई खूबसूरत किताब को अनदेखा कर रहा था।गहराई लिये इस किताब का सरल रूप जो मैंने जाना है वो इस प्रकार है:-: माता पिता विहीन दो भाई एक ज्योतिष और एक भिक्षु अपने मामा मामी की चाकरी किया करते थे।वो कहते है अगर माँ बाप पैदा करके हमारे बचपन में ही मर नहीं जाते तो हमारा बचपन ऐसा नहीं होता जिसमे घर में बने खाने की ख़ुश्बू से, जुते , बस्ते जिन्हें पहनकर पाठशाला जाते , पर इन सबसे वंचित रह जाते है।छोटे भाई भिक्षु को ग़ुस्सा बहुत आता था।एक दिन उसका पूरा ग़ुस्सा मामा के पैरो की छटपटाहट के साथ उतर गया। और दोनों वहाँ से भाग गये।वो एक उजाड़ गढ़ी में पहुँचते है जहाँ पर काँच की बोतलों के टुकड़े, अधजली बिड़िया, रक्त से सने सुख चुके कपड़े, वहाँ पर व्याप्त है।दोनों भाइयों को एक अनाथ लड़की मिलती है और उसका पालन पोषण उस गढ़ी में करते है । उस पर किसी स्त्री का साया नहीं पढ़ने देते । वह नये स्पर्श के लिये व्याकुल होने लगी और एक रोज़ वह देवी पूजन के लिये फ़ूल चुनने के बहाने निकली और फिर गढ़ी से उसकी सुगंध जाती रही।वह किताब लिखती है “ अपनी माँ की कहानी” किताब प्रकाशित होने के क्रम में कहानी आगे बढ़ती रहती है। किरदारों में लेखिका का नाम लेखिका है साथ में प्रकाशक,लेखक , कवि, प्रूफ़ रीडर ,आलोचक, कथाकार , संपादक, है जिनके माध्यम से कहानी आगे बढ़ती है।इस किताब में बुद्ध का मार्ग, राजा दुष्यंत- शकुंतला, साथ में चलती उपकथाएँ।किताब के वर्णित एक दो पृष्ठ पर आलोचक के योनिक कल्पना भी वर्णित है।हिन्दी उपन्यास में ये एक हटकर उपन्यास है। ध्यान अगर किताब से थोड़ा भी हटा तो ये हमे बोझिल कर देगी।
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